Bihar: कैमुर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के नगर पंचायत हाटा चैनपुर एवं केंवा में श्रीरामनवमी पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन हुआ हाटा बाजार में सुबह 7:00 बजे से 10:00 बजे तक बाइक रैली का आयोजन हुआ जो बाइक रैली निर्धारित रूट हाटा बाजार सतौना और अंवखरा सरपनी सरैया आदि भ्रमण करते हुए श्री श्री 108 हाई स्कूल के मैदान में समाप्त हुआ, वहीं दोपहर 2:00 बजे से श्रीराम जानकी की भव्य शोभायात्रा प्रारंभ हुई, जिसमें आगे आगे हाथी और ऊंट उसके पीछे श्रीराम जानकी रथ पर सवार रहे, जिनके पीछे हजारों की संख्या में केसरिया झंडा लिए जय श्रीराम के उद्घोष के साथ श्रद्धालु नजर आए।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

शोभायात्रा श्री श्री 108 हाई स्कूल से प्रारंभ होकर हाटा बाजार होते हुए सतौना पुल से मेढ़ नहर , जिसके उपरांत हाटा गवई होते हुए मां काली स्थान पर शोभा यात्रा संपन्न हुआ, इस दौरान मौके पर चैनपुर बीडीओ अजाजुद्दीन अहमद, सीओ पुरेंद्र कुमार सिंह प्रखंड राजस्व पदाधिकारी अंशु कुमार एवं चैनपुर थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ मौजूद रहे, शोभायात्रा में समिति के लोग सहित हाटा नगर पंचायत के आसपास के दर्जनों गांव के लोग भी सम्मिलित हुए।

इसके साथ ही उन गांव में निकाली गई शोभायात्रा हाटा बाजार में निकाली गई शोभायात्रा के साथ सम्मिलित होकर भ्रमण में शामिल रही, वहीं यातायात प्रबंधन के लिए हाटा बाजार में प्रवेश के पूर्व ही बड़ी गाड़ियों पर जुलूस के दौरान रोक लगा दी गई थी, शोभा यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ, इस मौके पर समिति के कार्यकर्ता डिंपल जयसवाल, समाजसेवी रमेश जायसवाल, दिलीप जयसवाल, भरत सोनी राजू सेठ सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
चैत्र नवरात्रि के नवमी को मदुरना चंडी स्थान पर लगा मेला भारी संख्या में जुटे श्रद्धालु

चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के ग्राम मदुरना स्थित मां चंडे़श्वरी धाम मंदिर में चैत्र नवरात्रि के नवमी के तिथि पर मेले का आयोजन हुआ जहां सुबह से ही काफी संख्या में श्रद्धालुओं के द्वारा पहुंचकर दर्शन पूजन कर मां का आशीर्वाद लिया गया, वही लगाए गए मेले में काफी चहल-पहल दिखी, लोगों के द्वारा तरह-तरह की खरीदारियां की गई।
आपको बता दें कैमूर जिले के चैनपुर में मां चंडे़श्वरी एवं भगवानपुर प्रखंड में मां मुंडेश्वरी स्थित है, इन दोनों स्थानों पर चैत्र नवरात्रि के मौके पर रक्त विहीन बलि की प्रथा है, इन दोनों स्थलों की महिमा अपरंपार है यहां आने वाले श्रद्धालु मां से मन्नत मांगते हैं और जब मन्नत पुरी होती है तो मां को बलि के रूप में बकरा चढ़ाया जाता है।

जिले के इन दोनों मंदिरों की दुर्लभ विशेषता है, यहां मन्नत पूरी होने पर चढ़ाए गए बकरा को जब मां के चरणों में रखा जाता है तो जैसे ही मंदिर के पुजारी मां को बलि स्वीकार करने के लिए प्रार्थना करते है, वैसे ही बकरा निर्जीव हो जाता है, कुछ समय बाद जब मां पूजा स्वीकार कर लेती है तो पुजारी के द्वारा बकरे पर अक्षत मारते ही दुबारा फिर से बकरा जीवित हो जाता है, इस दृश्य को देखने के लिए काफी दूर-दूर से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ग्रामीणों के द्वारा बताया जाता है दोनों स्थल मनसा पूर्ति के रूप में विख्यात है भक्तों के द्वारा जो भी प्रार्थना की जाती है मां उसे स्वीकार करती हैं और भक्तों की मन्नत को पूर्ण करती हैं।