The tradition of the ancestors was discharged, the idol of the mother was immersed on the date of Vijayadashami
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आपको बता दें कि बिहार के गिने-चुने स्थलों पर ही विजयदशमी की तिथि को माता की विदाई की जाती है, वैसे जिलों में कैमूर जिले के नगर पंचायत हाटा का भी नाम शामिल है, जहां विजयदशमी की तिथि को ही पूरे विधि विधान के साथ मां की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है, हालांकि कैमूर जिले के अन्य प्रखंडों में विजयदशमी के उपरांत अगले दिन मां की मूर्ति का विसर्जन करने की परंपरा चली आ रही है।
नगर पंचायत हाटा में इस वर्ष चार स्थल पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना संपन्न हुई, जिसमें दो स्थानों पर व्यवसाई संघ के पूजा समिति के द्वारा भव्य पंडाल का निर्माण कर मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की गई है, जबकि एक सबसे पुरानी ठाकुर बाड़ी मंदिर जहां इस क्षेत्र में सर्वप्रथम मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना करने का कार्य किया गया था, जो आज भी लगातार जारी है।
इस स्थल पर पूरे गांव के लोगों के द्वारा सहयोग करते हुए मां की प्रतिमा का स्थापना कर पूजा अर्चना किया जाता है, वही चौथा स्थल जहां माता रानी का पूजा पंडाल एवं प्रतिमा स्थापित करने का कार्य स्थानीय लोगों सहित स्वर्ण व्यवसाई के द्वारा किया जाता है, इस वर्ष शांतिपूर्ण तरीके से पूजा संपन्न होने के उपरांत मां की विदाई विजयदशमी के तिथि शुक्रवार को संपन्न किया गया। इस दौरान विधि व्यवस्था के संधारण के लिए काफी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती रही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस काफी मुस्तैद दिखी।
इससे जुड़ी जानकारी लेने पर चैनपुर सीओ पुरेंद्र कुमार सिंह एवं थानाध्यक्ष उदय भानु सिंह के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में शांतिपूर्ण तरीके से पूजा संपन्न हुआ है, जिसमें नगर पंचायत हाटा में चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए विजयदशमी की तिथि को ही प्रतिमा का विसर्जन हाटा में स्थित तालाब में संपन्न करवाया गया है।
अन्य पंचायत के लोगों के द्वारा विजयदशमी के दूसरे दिन मूर्ति विसर्जन का कार्य किया जाता है, उक्त सभी लोगों के द्वारा मूर्ति विसर्जन का कार्य जगदंहवा डैम पर किया जाता है, जिसके लिए जगदंहवा डैम पर भी सुरक्षा सहित सभी व्यवस्थाएं सुसज्जित कर दी करवा दी गई है, नगर पंचायत हाटा में मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस वालों की काफी संख्या में तैनाती की गई थी प्रत्येक मूर्ति के पीछे चार कांस्टेबल सहित एक पदाधिकारी की ड्यूटी लगाई गई थी, प्रखंड क्षेत्र में सभी जगह दुर्गा पूजा का कार्य शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ है।