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जानकारी के अनुसार राजापकार प्रखंड क्षेत्र के बाकरपुर गांव निवासी मो. मुर्तुजा अपनी गर्भवती पत्नी को 14 अप्रैल को प्रसव के लिए हाजीपुर सदर अस्पताल ला रहे थे रास्ते में ही जरक्षा खातून ने एक बच्चे को जन्म दे दिया परिजन उसे लेकर हाजीपुर सदर अस्पताल पहुंचे जिसके बाद दोनों को जच्चा-बच्चा प्रसव कक्ष में भर्ती कराया गया जहां बच्चे की हालत नाजुक देखते हुए चिकित्सकों ने उसे नवजात शिशु चिकित्सा इकाई में भर्ती कराने की सलाह दी जिसके बाद परिजनों ने नवजात को शिशु चिकित्सा इकाई में इलाज के लिए भर्ती कराया।
हंगामा कर रहे परिजनों ने बताया कि प्रसव कक्ष में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने भी रजिस्टर में बेटा ही दर्ज किया था शिशु चिकित्सा इकाई में भर्ती के दौरान रजिस्टर में बेटा ही लिखा हुआ है लेकिन अचानक शिशु चिकित्सा इकाई से उन लोगों को बताया की इलाज के दौरान आपके बेटे की मौत हो गई है सूचना मिलते ही सभी परिजन आनन-फानन अस्पताल पहुंचे जिसके बाद शिशु चिकित्सा इकाई के कर्मियों के द्वारा मृत नवजात का शव सौंपा गया लेकिन जब परिजनों की नजर मृत नवजात पर पड़ी तो सभी हैरान रह गए।
नवजात शिशु चिकित्सा इकाई के कर्मियों ने परिजनों को लड़के की बदले मृत लड़की का शव सौंपा दिया, परिजनों को बताया गया कि रजिस्टर में गलती से लड़की की जगह लड़का दर्ज हो गया था इतना कह कर स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी गलती से पल्ला झाड़ लिया, मृत बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया है कि कर्मचारियों ने उनके बच्चे को बेच दिया है और मृत लड़की का शव सौंप कर अपनी गलती को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं सदर अस्पताल के कुछ कर्मियों ने भी इस बात की पुष्टि की कि बच्चे के परिजनों ने नवजात शिशु चिकित्सा इकाई में इलाज के लिए लड़का को ही भर्ती कराया था, घटना के बाद सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसके वर्मा ने कहा कि आज सुबह में ही परिजन मृत बच्चे को अपने घर ले गए हैं परिजनों ने अपना बच्चा स्वीकार किया है जांच टीम बना दी गई है, 3 दिन में जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी उसके आधार पर जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, वही हाजीपुर सिविल सर्जन डॉ अमरेंद्र मोहन सिंह ने बताया कि उन्हें जानकारी दी गई है यह गंभीर मामला है मामले की जांच शुरू कर दी गई है घटना के बाद दोषियों खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।