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दरअसल डीएम सावन कुमार ने सहुका पंचायत में एलईडी स्ट्रीट लाइट घोटाला में पंचायत के मुखिया समेत तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश बुधवार को दिया था रामगढ़ में पहले इस तरह की कार्रवाई की जद में सहुका पंचायत आई है डीएम ने बीआरओ को प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही स्ट्रीट लाइट घोटाले के 5 लाख 25 हजार की राशि की रिकवरी करने का भी निर्देश दिया है।
डीएम ने जिला पंचायत राज पदाधिकारी को स्ट्रीट लाइट में हुए घपले की जांच का निर्देश दिया, जिसके बाद उनके द्वारा 4 मई को जांच रिपोर्ट सौंपी गई, जिसमेंपंचायत के डहरक व सहुका गांव में छठें वित्त की दो योजनाओं से 25-25 स्ट्रीट लाइट लगाने में भारी अनियमितता की बात सामने आई, प्रति लाइट 13500 रुपए की निकासी की गई जबकि जांच में पाया गया था कि एक लाइट का सही बाजार मूल्य सिर्फ 3000 रुपए है, इस तरह प्रति लाइट 10 हजार 500 रुपए अधिक की निकासी की गई।
सहुका पंचायत में स्ट्रीट लाइट में घालमेल के खेल की जांच की गुत्थी स्थानीय स्तर के पदाधिकारियों द्वारा नहीं सुलझ सकी, तब निराश होकर पंचायत के उपमुखिया मुन्ना गुप्ता ने डीएम से गुहार लगाई थी, कम कीमत की घटिया लाइट पंचायत के सहुका व डहरक गांव में लगाया गया, ग्रामीणों के फर्जी हस्ताक्षर से उपयोगिता प्रमाण पत्र दिखाकर राशि निकासी की गई, पंचायत में 50 स्ट्रीट लाइट लगाई गई है एक लाइट का रेट 13 हजार 500 रुपए है आरोप लगाया कि इन लाइटों का बाजार मूल्य ढाई- तीन हजार रुपए से अधिक नहीं है।