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सैलरी पर काम करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड यश, कंबोडिया के ठगों से था कनेक्शन

Bihar, पलवल (जोगबनी-नेपाल बॉर्डर): पलवल साइबर पुलिस ने जोगबनी, बिहार (नेपाल बॉर्डर) से संचालित हो रहे एक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया, जिन पर देशभर में 100 से अधिक साइबर धोखाधड़ी के मामलों में शामिल होने का आरोप है। अब तक इस गिरोह ने एक करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है।

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मास्टरमाइंड की पोल खुली

गिरोह का सरगना यश परिहार (जोधपुर, राजस्थान निवासी) निकला, जो पिछले तीन महीनों से साइबर ठगी का संचालन कर रहा था। पुलिस रिमांड में यश ने खुलासा किया कि उसने गिरोह के अन्य युवकों को 25 से 30 हजार रुपए मासिक वेतन पर रखा था और ठगी की रकम से अतिरिक्त कमीशन भी दिया जाता था।

यश ने यह भी स्वीकार किया कि वह टेलीग्राम ऐप के माध्यम से कंबोडिया के साइबर ठगों के संपर्क में आया था। यही विदेशी गिरोह उसे निर्देश देता था और ठगी से कमाए गए पैसों को कंबोडिया तक ट्रांसफर कराया जाता था। बदले में भारतीय गिरोह को ठगी की रकम का 20% कमीशन मिलता था।

गिरफ्तारी और कार्रवाई

पलवल साइबर पुलिस ने जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया उनमें शामिल हैं—

यश परिहार (राजस्थान, मास्टरमाइंड), विजय उपाध्याय (नेपाल), सोजस नाथ (पश्चिम बंगाल), रवि सिंह (राजस्थान), भागचंद (राजस्थान), गजेंद्र सिंह सैनी (राजस्थान), जिरनजीत दास (पश्चिम बंगाल), नरेंद्र सिंह (राजस्थान), पंकज देवड़ा (राजस्थान), रोहित भार्गव (मध्य प्रदेश)

यश परिहार को पुलिस रिमांड पर रखा गया है, जबकि बाकी नौ आरोपितों को अदालत में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

ठगी का तरीका

यह गिरोह लोगों को टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर उन्हें कई गुना मुनाफे का लालच देता था। जब पीड़ित निवेश के नाम पर पैसे जमा कराते तो गिरोह उन्हें हड़प लेता। ठगी की गई रकम पहले आरोपितों के खातों में आती और फिर उसे हवाला के जरिए कंबोडिया भेज दिया जाता।

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