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ऐसा ही एक मामला रामगढ़ प्रखंड के मसाढ़ी पोखरे से आ रहा है। जंहा बड़ौरा व रामगढ़ के आस-पास के गांवों में भी ये लोग आकर बसे हुए हैं। वही मसाढ़ी पोखरे पर तो करीब 12 वर्षो से दर्जनों लोग रह रहे है एवं क्षेत्र में कारोबार भी कर रहे हैं। ऐसे लोगों की पहचान करने में प्रशासन को कोई दिलचस्पी नहीं है। जबकि मसाढ़ी के पैक्स अध्यक्ष गुप्तेश्वर सिंह व ग्रामीण अंगद सिंह ने इसकी जानकारी रामगढ़ थाना को दी गई थी इसके बावजूद पुलिस यंहा जांच तक करने हीं पहुंची। जिसके कारण ग्रामीणों में पुलिस प्रशासन के प्रति नाराजगी है। इन लोगों ने बताया कि पुलिस लिखित आवेदन मांगती है। ऐसे में कौन व्यक्ति लिखकर देगा।
आगे कहा की यदि पुलिस सूचना पर नहीं आएगी तो अन्य छोटी बड़ी घटनाओं पर विराम कैसे लगेगा। यही हाल बड़ौरा का भी बताया जा रहा है। जहां कुछ अवैध लोगों के रहन सहन की जानकारी देने के बाद भी पुलिस जांच करना मुनासिब नहीं समझी। समय रहते पुलिस प्रशासन के द्वारा अवैध तरीके से आसियाना बनाकर रह रहे लोगों को पहचान कर कार्रवाई नहीं किया गया तो राज्य व राष्ट्र के लिए खतरा बन सकते हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर बीडीओ जितेंद्र कुमार ने बताया कि मसाढ़ी में अवैध तरीके से झोपड़ी डालकर रह रहे लोगों की सूचना वहां के लोगों द्वारा दी गई है। लेकिन इनकी जांच पुलिस प्रशासन को करना है