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उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हम अमेरिका, जर्मनी, चीन, जापान जैसे प्रमुख देशो को इकोनॉमी को देखें तो उनके पास 100 से ऊपर की कोई करेंसी नहीं इसलिए केंद्र सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और इसे धीरे-धीरे बैन करना चाहिए ताकि लोगों को 2000 के नोट बदलने को मिल सके, बताते चलें कि भारतीय रिजर्व बैंक 2000 के नोट छापने बंद कर चुका है और धीरे-धीरे बाजार में भी 2000 के नोट कम दिखने लगे हैं सुशील मोदी के इस मामले को उठाने के बाद यह भी संकेत है कि आने वाले समय में केंद्र सरकार 2000 के नोट पर पाबंदी लगा सकती है।
उन्होंने कहा कि 8 नवम्बर 2016 को मोदी सरकार ने नोटबंदी की थी जिसमें 500 और 1000 के नोट प्रचलन पर पाबंदी लगा दी गई थी उसके बाद 500 के 2000 के नोट को लाया गया और धीरे-धीरे बाजार में 2000 के नोट दिखाई देने बंद हो गए वही सुशील मोदी के इस बयान के बाद जदयू प्रवक्ता अभिषेक कुमार झा का कहना है कि सुशील मोदी का यह बयान अपनी ही सरकार के खिलाफ है पहले तो उनकी केंद्र सरकार ने नोटबंदी की और 1000 के नोट को बदल कर दो हजार लाए अब उनकी ही सरकार सवाल खड़ा कर रही है कि इससे ब्लैकमनी और जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा बोल रहे थे उसी तरह से अपने पार्टी के अंदर भी इसका विरोध करें।