Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
1.) शिक्षक आंदोलन के दौरान लोगों पर जो कार्रवाई शिक्षा विभाग ने की उसे वापस लिया जाए।
2.) नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए।
3.) स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू की जाए, इन तीनों मुद्दों पर मुख्यमंत्री से विस्तार पर बातचीत हुई, मुख्यमंत्री ने इसे पॉजिटिव लिया।
भाकपा माले विधायक ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस बातचीत का पॉजिटिव रिजल्ट आएगा वरीयता के मामले को लेकर कहा कि वरीयता की कोई बात नहीं है ऐसा नहीं होगा कि जो दो-दो वर्ष से नौकरी कर रहे हैं, उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा नहीं दिया जाएगा, जो 12 साल से हैं उन्हें ही दिया जाएगा सभी नियोजित शिक्षकों के लिए हमलोगों ने बातचीत की है बिहार में 4 लाख के आसपास नियोजित शिक्षक हैं, सभी को राज्य कर्मी का दर्जा देने पर मुख्यमंत्री से बात हुई है इसमें कोई वरीयता की बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आपलोगों की बातों को पॉजिटिव तरीके से लेते हैं और इस पर काम करेंगे, 15 अगस्त को हो या उसके पहले हो लेकिन इसकी घोषणा बहुत जल्द ही होगी, वही नियोजित शिक्षकों के ट्रांसफर के सवाल पर कहा कि जटिलता यह है कि नियोजित शिक्षकों की अलग-अलग नियोजित इकाई है ट्रांसफर में कई तरह के ट्रम्स एंड कंडीशन लगा दिए गए पोर्टल पर दबाव बढ़ गया शिक्षा विभाग की तरफ से एनआई से संपर्क किया गया है, जब नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया जाएगा तो नियोजित इकाइयां भंग हो जाएंगी और ट्रांसफर में कोई दिक्कत नहीं होगी।