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अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने को सरकार की प्रमुख उपलब्धियों में गिना। उन्होंने बताया कि स्कूलों में भवन, पुस्तकालय, लैब और अन्य सुविधाओं को बेहतर किया गया है, जिससे खासकर छात्राओं की उच्च शिक्षा में रुचि बढ़ी है। स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे गांवों में भी इलाज आसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने महिलाओं को आर्थिक मजबूती देने के लिए चलाई जा रही सहायता योजना का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि अभी 10 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है, और यदि प्रभाव संतोषजनक रहा तो राशि को चरणबद्ध रूप से दो लाख रुपये तक बढ़ाने की योजना पर भी विचार होगा। उन्होंने कब्रिस्तानों और मंदिरों की घेराबंदी जैसी योजनाओं का भी उल्लेख किया। नीतीश कुमार के अनुसार यह कदम सिर्फ सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि समुदायों के बीच भाईचारा बनाए रखने के लिए भी जरूरी था। अंत में मुख्यमंत्री ने सभी दलों से अपील की कि राजनीतिक मतभेदों को परे रखकर राज्य के विकास में सहयोग दें, ताकि आने वाले वर्षों में बिहार नई ऊंचाइयों को छू सके।


