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उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही बिहार के पूर्व डीजीपी एसके सिंघल को केंद्रीय चयन पार्षद का अध्यक्ष बनाया गया, इसको लेकर भी उन्होंने महा गठबंधन सरकार को घेरा है, एएसएसपी आदित्य कुमार के प्रकरण में पूर्व डीजीपी एस के सिंगल भी उतने ही जिम्मेदार थे जितना आदित्य कुमार थे, आदित्य कुमार पर गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया जबकि एसके सिंघल को क्लीन चिट दे दिया गया, रिटायर्ड होने के बाद एसके सिंगल को पुरस्कृत कर चयन पार्षद के अध्यक्ष बना देना यह कहां तक सही है यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मानसिकता को दर्शाता है।
राम मंदिर, रामायण, रामचरितमानस का प्रकरण को सोची हुई रणनीति के तहत बताया है, इस तरह वातावरण बनाकर लोगों को मूल विषय से भटकाने का काम सरकार कर रही है, हकीकत यह है कि बिहार में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गई है, वही सुधाकर सिंह के बयान पर उन्होंने कहा कि सुधाकर सिंह तो बस एक मोहरा है असली चेहरा तो शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव हैं, चंद्रशेखर यादव पर कार्यवाही करने से आरजेडी क्यों बच रही है इसका जवाब उन्हे देना चाहिए, बिहार में दो महा ठग सरकार चला रहे हैं, वही सत्ता दल में बैठे-बैठे सात दलों में दो दल लोगों का ध्यान भटकाने में लगे हैं।
विजय कुमार सिन्हा ने नीतीश कुमार से सवाल किया कि जिस पदाधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए और जिन्हें जेल में रहना चाहिए उन्हें वह पुरस्कृत क्यों कर रहे हैं, लगातार बिहार में सेवा विस्तार का खेल और पदाधिकारी को बचाने का खेल क्यों हो रहा है, सरकार लोगों को भटकाने का काम क्यों कर रहे हैं।