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वही घटना की सुचना पर पहुंची पुलिस प्रशासन ने मामले को शांत कराया और बाद में दोनों पक्ष की आपसी सामंजस्य से मामला शांत हुआ। घटना को लेकर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी मीना कुमारी ने तीन सदस्य टीम गठित कर घटना की विस्तृत जांच कराई। जंहा जांच के क्रम में पाया गया कि जिस अस्पताल में मरीज की मौत हुई है। उस अस्पताल का रजिस्ट्रेशन स्वास्थ्य विभाग से नहीं हुआ है तथा अन्य कमी पाई गई।
जिसे लेकर मंगलवार को सिविल सर्जन के निर्देश पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी संजीव कुमार, थानाध्यक्ष उदय कुमार, एस आई श्वेता कुमारी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंध तारकेश्वर उपाध्याय बीसीएम शिवानंद पांडे की उपस्थिति में अस्पताल को सील कर दिया गया। बताया जाता है कि भगवानपुर में दर्जनों अस्पताल अवैध तरीके से चल रहे हैं लेकिन उन पर अब तक स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने से आम लोगों में काफी रोस बढ़ते जा रहा है।





















