बिहार, नवादा: पुलिस केंद्र नवादा में पदस्थापित सिपाही अमित कुमार (बैच संख्या 195) की आत्महत्या के मामले में उच्च अधिकारियों की सख्त कार्रवाई सामने आई है। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर शव स्वजनों को सौंपा गया। वहीं, मगध प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) छत्रनील सिंह ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए लाइन इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिन्हा को तत्काल निलंबित कर दिया है। साथ ही लाइन डीएसपी मनोज कुमार समेत अन्य दोषी अधिकारियों के विरुद्ध जांच रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी गई है।
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पत्नी ने दर्ज कराई प्राथमिकी, दो अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार
मृतक सिपाही की पत्नी लालसा कुमारी ने नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिन्हा और लाइन डीएसपी मनोज कुमार को नामजद अभियुक्त बनाया है। प्राथमिकी में उन्होंने कहा है कि “दोनों अधिकारियों के लगातार मानसिक उत्पीड़न और दबाव के कारण मेरे पति ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।”
आईजी ने बताया कि मामले की जांच जारी है। चुनाव कार्य को देखते हुए पुलिस मुख्यालय से लाइन डीएसपी को तत्काल क्लोज करने का अनुरोध किया गया है। जांच के उपरांत दोषी पाए जाने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सुसाइड नोट में लिखी गई पीड़ा — अवैध वसूली और जातिसूचक टिप्पणी का जिक्र
सिपाही अमित कुमार ने आत्महत्या से पूर्व पुलिस अधीक्षक के नाम एक सुसाइड नोट छोड़ा था। उसमें उन्होंने लिखा कि लाइन डीएसपी और प्रभारी इंस्पेक्टर नए सिपाहियों से ₹500 प्रति व्यक्ति वसूलने के लिए दबाव बना रहे थे। उन्होंने जब इस आदेश का विरोध किया, तो उन्हें छुट्टी से वंचित कर दिया गया और बर्खास्त करने की धमकी दी गई।
अमित ने अपने नोट में यह भी लिखा कि उनकी पत्नी की तबीयत खराब थी, इसलिए उन्होंने छुट्टी मांगी थी। मुख्यालय डीएसपी के निर्देश के बाद भी लाइन डीएसपी ने उन्हें छुट्टी नहीं जाने दी और अपमानजनक तथा जातिसूचक बातें कहीं। उत्पीड़न से तंग आकर सिपाही अमित ने शनिवार को अपने आवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
एसोसिएशन ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की, पुलिस कर्मियों में आक्रोश
इस घटना के बाद पुलिस मेंस एसोसिएशन ने आईजी से मुलाकात कर दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। एसोसिएशन ने कहा कि विभाग के अंदर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अधीनस्थ कर्मियों के साथ मानसिक और जातिगत उत्पीड़न की घटनाएं बेहद निंदनीय हैं।
घटना के बाद पुलिस कर्मियों में भारी रोष देखा जा रहा है और दोषी अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है।
आईजी ने दिए सख्त निर्देश
आईजी छत्रनील सिंह ने कहा कि “इस तरह की घटनाएं विभाग की छवि धूमिल करती हैं। संबंधित अधिकारियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।” वहीं, उन्होंने मृतक सिपाही के परिजनों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का भी आश्वासन दिया।


