Bihar: भागलपुर में एक जीजा के द्वारा अपनी नाबालिग साली के साथ दुष्कर्म करने के मामले में बहन के साथ हुई ज्यादती को लेकर आरोपी की पत्नी के द्वारा दर्ज करवाई प्राथमिकी के मामले में न्यायालय ने 9 साल बाद आरोपित जीजा को 10 साल की सजा सुनाते हुए 30 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है। पूरा मामला वर्ष 2013 का है जो न्यायालय में चल रहा था चल रहा था अंततः 9 वर्ष बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी जीजा को दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई है।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक भागलपुर के पीरपैंती थाने के पीरपैंती अंतर्गत एक जीजा के द्वारा अपनी नाबालिग साली के साथ 5 फरवरी 2013 दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था, इस मामले में ऊपर आरोपित जीजा रंजीत मंडल के ऊपर यह लगाया गया था कि नाबालिग पीड़िता शौच करने के लिए अपने घर से बाहर निकली थी उस दौरान उसका जीजा पीछा करते हुए सुनसान जगह पहुंचने पर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था।
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इस घटना के उपरांत जब पीड़िता घर वापस लौटी तो पूरी जानकारी अपनी बहन को दी जिस पर छोटी बहन के साथ हुए इस अन्याय के विरुद्ध बड़ी बहन को थाने जाकर अपने पति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाई, पुलिस ने मामले की नाजुकत को समझते हुए तत्काल कांड़ संख्या 19/2013 दर्ज कर लियाया गया।
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इसके उपरांत पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी और मामले के अनुसंधान में जुट गई, और अनुसंधान के क्रम में ही आरोपी रंजीत मंडल को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया इसके बाद लगातार वह जेल में ही बंद था, पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामला न्यायालय में चल रहा था इस दौरान पत्नी के द्वारा अपने पति के विरुद्ध कोर्ट में गवाही दी गई, सुनवाई चलता रहा इस दौरान केस के आईओ और डॉक्टर सहित कुल पांच लोगों ने अपनी गवाही दी।
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सभी आरोपियों के खिलाफ गवाही थी जिसके बाद न्यायालय ने आरोप को सही मानते हुए इस पर सजा सुनाई जिसमें 10 साल की सजा और 30 हजार रुपए जुर्माना लगाई गई है, हालांकि आरोपी पिछले 9 वर्षों से जेल में बंद है और न्यायालय द्वारा 10 वर्षों की सजा सुनाई गई है, तो 10 वर्ष की सजा पूरा होने में मात्र 1 वर्ष ही बच गया है, न्यायालय के द्वारा यह भी कहा गया कि अगर आरोपी जुर्माने की राशि जमा नहीं करता है तो उसे 6 माह की सजा अतिरिक्त भुगतनी होगी।