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सांसद सुधाकर सिंह ने सरकार व BSEB अध्यक्ष को पत्र लिख एसटीईटी परीक्षा कराने का किया मांग

Bihar: कैमूर, राजद के युवा नेता एवं बक्सर सांसद सुधाकर सिंह के द्वारा CM नितीश कुमार पर जमकर निशाना साधा गया। उन्होंने कहा की सरकार की दोहरी नीति के कारण बिहार के बेरोजगार युवाओं के सामने रोजगार की बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है। साथ ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति बीएसईबी पर भी जमकर हमला बोला और कहा की उन्होंने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष को पत्र लिख एसटीईटी का आयोजन बीपीएससी टीआरई 4.0 से पहले कराने की मांग की है। सांसद के द्वारा कहा गया की एसटीईटी परीक्षा के आयोजन में हो रही लगातार देरी, योग्य युवाओं के भविष्य को संकट में डाल दिया है। वर्ष 2024 के परीक्षा कैलेंडर में यह स्पष्ट किया गया था कि एसटीईटी परीक्षा वर्ष में दो बार कराई जाएगी। किन्तु अब तक मात्र एक बार हीं परीक्षा कराई गई है।

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NS Newsजिस कारण उन अभ्यर्थियों को नुकसान हो रहा है। जिन्होंने बीएड या डीएलएड सत्र 2022-24 या 2023-25 पूरा कर लिया है। सांसद ने कहा यदि टीआरई 4.0 परीक्षा एसटीईटी के पहले कराई जाती है तो हजारों योग्य अभ्यर्थी उसमें शामिल होने से वंचित रह जाएंगे। जो की न सिर्फ अन्याय है, बल्कि उनकी मेहनत, प्रतिभा और योग्यता का अपमान भी है। इसको लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि बीते 8 महीनों में छात्रों द्वारा हजारों ज्ञापन, आवेदन और ईमेल दिए गए, लेकिन बीएसईबी ने गंभीरता नहीं दिखाई। जब विभाग द्वारा एसटीईटी परीक्षा आयोजन का पत्र पत्रांक- 234, दिनांक 25.04.2025 जारी किया जा चुका है, तो अब तक आधिकारिक तिथि घोषित न करना केवल टालमटोल ही नहीं है। सरकार की नाकामी का परिचायक है।

आगे सांसद ने चेतावनी देते हुए कहा की यदि सरकार ने तुरंत निर्णय नहीं लिया और टीआरई 4.0 से पहले एसटीईटी परीक्षा आयोजित नहीं की गई, तो इसे लाखों युवाओं के भविष्य के खिलाफ एक सोची- समझी साजिश माना जाएगा। ऐसी स्थिति में यह मुद्दा जनआंदोलन का भी रूप ले सकता है। सुधाकर सिंह ने मांग किया कि टीआरई 4.0 परीक्षा से पहले एसटीईटी परीक्षा आयोजित करने की तत्काल घोषणा की जाए और एसटीईटी परीक्षा को नियमित और वार्षिक रूप से घोषणा के अनुसार दो बार आयोजित किया जाए। यदि सरकार समय रहते फैसला नहीं लेती, तो हमें जनप्रतिनिधियों और जनता के बीच आंदोलन के रास्ते पर जाना पड़ेगा। राजद सांसद ने युवाओं से अपील की है कि वे एकजुट होकर अपने हक के लिए शांतिपूर्ण लेकिन दृढ़ संघर्ष करें।

 

 

 

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