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ये डिवाइस ऐसे है, जिन्हें इनके साथ सेटिंग करने वाले कैंडिडेट अपने कानों के अंदर छिपा कर एग्जामिनेशन हॉल में बैठते हैं इसके अलावा ऐसे डिवाइस है जिसे कैंडीडेट्स कान के अंदर लगाते हैं, इस डिवाइस की साइज ऐसी है की कान में लगाने के बाद किसी को पता नहीं चलता, इन शातिरों को ठिकाने उसे पुलिस ने काफी सारे कैंडीडेट्स के एडमिट कार्ड की हार्ड कॉपी, कैंडिडेट के मोबाइल नम्बरों की लिस्ट, 4 एटीएम कार्ड, 6 मोबाइल साथ ही इनकी एक बैंक अकाउंट से 9 लाख रुपए 5 जनवरी को जमा कराए जाने के सबूत मिले हैं।
पकड़े गए शातिरों को पत्रकार नगर थाना से पकड़ा गया है, जिसमें गया के टेकारी का मनोज उर्फ हरि, विकास कुमार, नालंदा के सरमेरा का गोपेश कुमार और प्रभात कुमार शामिल हैं, इसमें पकड़ा गया प्रभात होमगार्ड जवान है और बढ़हिया में पोस्टेड है, शुक्रवार को पत्रकार नगर के थानेदार मनोरंजन भारती ने बताया की NH-30 से सटे 90 फीट इलाके में गुरुवार की दोपहर 7-8 संदिग्ध लोगों पर पेट्रोलिंग टीम की नजर पड़ी थी, जब टीम इनकी ओर बढ़ी तो सभी भागने लगे जिसके बाद इन्हीं में से चार लोगों को पकड़ लिया गया और पूछताछ के क्रम में खुलासा हुआ, इनकी निशानदेही पर पुलिस और ब्लूटूथ डिवाइस, एटीएम कार्ड और मोबाइल बरामद किए।
पूछताछ के क्रम में इन शातिरों ने बताया की दो तरह से सरकारी नौकरी के लिए होने वाले एग्जाम में पास कराने के लिए ठेका लिया जाता है, पहला तरीका डिवाइस वाला है जिसमें कैंडीडेट्स को ब्लूटूथ डिवाइस दी जाती है वह एग्जाम देते हैं और उन्हें सवालों को जवाब बाहर से बताया जाता है, जबकि दूसरा तरीका स्कॉलर है जिन चार लोगों को पकड़ा गया उसमें एक कॉलर भी है जो ओरिजिनल कैंडीडेट्स के बदले खुद एग्जाम में बैठते हैं, दोनों में से किसी भी एक तरीके से एग्जाम पास करने का यह ठेका लेते हैं और इसके एवज में हर कैंडिडेट से 10 से 8 लाख रुपए हैं, अब टीम इनके कनेक्शन को खंगाल रही है और इनके हर एक बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स निकालने में जुटी है।