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इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं आसपास के एक सौ गांव में स्थापित मंदिरों का भ्रमण करूंगी और मंदिरों को समृद्ध बनाने के काम करूंगी जो मंदिर अच्छी स्थिति में नहीं है उनका उद्धार, वृक्षारोपण, रंग रोगन आदि का कार्य कराया जाएगा ताकि जब गांव का मंदिर सहित स्थान तभी गांव के वास्तु सही हो सकेगा मेरा मानना है कि भगवान को भी अच्छा घर मिलना चाहिए।
दरअसल समाजसेवी किरण प्रभाकर की जन्म स्थली काराकाट है मंदिर यात्रा पर इन दिनों बिहार में हैं जहां आज उन्होंने मां मुंडेश्वरी का आशीर्वाद लेकर अपनी यात्रा की शुरुआत की है इसके दौरान उन्होंने बताया कि वह अपने परिवार के साथ माता रानी के दर्शन को यहां आई हैं, लोक कल्याण की भावना मेरे अंदर शुरू से रही है मैं सबों के घरों को अपने घर की तरह सवारना चाहती हूं सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा रोजगार और सुरक्षा की पक्षधर हूं मूलतः मैं यह कहूं कि मैं समाज की समृद्धि चाहती हूं और इसके लिए मैं लगातार कार्य करती रही हूं।
आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में उनकी भागीदारी को लेकर किए गए सवाल पर कहा कि मुझे जब राजनीति में आने का मौका मिलेगा तो मैं अपना बेस्ट करूंगी मेरा दिल आज उस नेतृत्व में बसता है जिसने देश में अभूतपूर्व बदलाव लाए हैं और धर्म का ध्वज लहराया है मैं आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी के शासन से प्रभावित हूं तो मुझे लगता है कि आगे अगर राजनीति में आना हो तो मेरा झुकाव उनकी दल के तरफ ही होगा उन्होंने विपक्ष की राजनीति पर कहा कि पांडव पांच थे फिर भी 100 कौरवों पर भारी पड़े।