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पूर्व सांसद छेदी पासवान द्वारा लगातार रेल मंत्री को पत्र लिखकर इस परियोजना का कार्य शुरू कराने की मांग की जाती रही। उन्होंने संसद में भी इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था। इसके बावजूद रेल परियोजना का कार्य शुरू नहीं हो सका। सासाराम संसदीय क्षेत्र के लिए यह परियोजना काफी महत्वपूर्ण है। इसके पूरा हो जाने से जिले के विकास को भी पंख लग जायेगे। केंद्र सरकार की उदासीनता से यह चिरप्रतीक्षित रेल परियोजना बंद पड़ी हुई है। वही हर लोकसभा चुनाव में यह रेल परियोजना मुद्दा बनती रही है। जिलावासी इसे पूरा करने की मांग उठाते रहे हैं। शिलान्यास के बाद अभी तक परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य भी प्रारंभ नहीं हुआ है। देश के प्राचीनतम मुंडेश्वरी मंदिर की ख्याति को ध्यान में रखकर और कैमूर जिला को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने के लिए इस परियोजना को काफी महत्वपूर्ण माना गया था। शिलान्यास के 16 वर्षों बाद भी अभी तक धरातल पर योजना का कार्य दिखाई नहीं दे रहा है।
जबकि वित्तीय वर्ष 2017-18 के रेल बजट में इस परियोजना को पूरा करने को राशि उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी। इसके बाद किसी वित्तीय वर्ष में इस परियोजना के लिए बजट का प्रविधान नहीं किया गया। 16 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस रेल परियोजना का कार्य आगे नहीं बढ़ सका। माता मुंडेश्वरी मंदिर सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर पहुंचने के लिए पर्यटकों को सड़क मार्ग का ही सहारा लेना पड़ता है। दरसल NH- 30 के पूरब से है रेल परियोजना का प्रस्ताव। आरा से मुंडेश्वरी धाम तक रेल लाइन बिछाने के लिए जो नक्शा बनाया गया है। उसके अनुसार आरा जंक्शन से कोचस होते हुए भभुआ रोड स्टेशन से पूरब गया मुगलसराय रेलखंड को उक्त रेल लाइन को पार करना है। भभुआ रोड स्टेशन से पूरब बने रेल ऊपरी पूल के बगल से बरेज गांव के पश्चिम उक्त परियोजना जीटी रोड को पार करते हुए आगे बढ़ेगी। जिला मुख्यालय भभुआ के पूरब दिशा से इस रेल परियोजना को भगवानपुर में मुंडेश्वरी धाम तक पहुँचाने की योजना है।
शिलान्यास के समय तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने घोषणा किया था कि आरा मुंडेश्वरी रेल लाइन परियोजना 5 वर्षों में वर्ष 2013 के अंत तक पूरी हो जाएगी। बिहार सरकार के तत्कालीन जल संसाधन मंत्री जगदानंद सिंह ने इस परियोजना का ताना-बाना बुनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके पहल पर ही शिलान्यास के बाद रेल लाइन के सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ हुआ था किन्तु लालू प्रसाद के रेल मंत्री पद से हटने के बाद से ही इस परियोजना पर ग्रहण लग गया। वर्ष 2008 में जब आरा-मुंडेश्वरी रेल लाइन परियोजना का शिलान्यास हुआ तो जिला वासियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी। किन्तु वर्तमान में इस परियोजना के लिए कितनी भूमि अधिग्रहण करनी है और इस पर कितना खर्चा आएगा इसकी जानकारी डीडीयू रेल मंडल के किसी पदाधिकारी के पास नहीं है। इस संबंध में पूछे जाने पर बिहार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह व रामगढ़ के विधायक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि आरा-मुंडेश्वरी रेल लाइन परियोजना को लेकर वे रेलमंत्री से मिलेंगे। प्रधानमंत्री को भी इस लंबित परियोजना से अवगत कराया जाएगा। सासाराम व कैमूर जिला के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है।