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राजद विधायक भाई वीरेंद्र का कहना है कि केके पाठक कुछ भी फैसला लेते रहते हैं, ऐसे विवादित अफसरों को नहीं रखना चाहिए जिनके बच्चे नहीं होते हैं उनका दिमाग ऐसे ही खराब रहता है, बिहार सरकार का शिक्षा विभाग ही यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में वेतन देता है, इसलिए उसमें विभाग का भी हस्तक्षेप होना चाहिए सिर्फ राजभवन का एकाधिकार ठीक नहीं है।
वही बीजेपी के प्रवक्ता राकेश सिंह ने कहा कि जो पार्टियां बिहार सरकार चला रही हैं उनका गठबंधन ही विवादित है यह सरकार ही विवादित है इसके अधिकारी भी विवादित हैं सरकार ही बेलगाम है सरकार के अफसर सरकार के मुखिया से भी आगे चल रहे हैं जब हिन्दुओं का पर्व आता है तो छुट्टियां रद्द कर दी जाती हैं राज्य सरकार हिंन्दू विरोधी है, तुष्टिकरण की नीति है सरकार की सरकार के अफसर भी उटपटांग फैसले ले रहे हैं।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का विवाद सबसे पहले विभागीय मंत्री प्रो.चंद्रशेखर के साथ हुआ काफी दिनों तक शिक्षा मंत्री ने विभाग आना-जाना ही बंद कर दिया था उसके बाद राजभवन के साथ विवाद हुआ अब नया विवाद स्कूलों शिक्षकों के पर्व-त्योहारों की छुट्टियां रद्द करने के बाद है, बड़ी बात यह है कि केके पाठक के पक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खड़े दिख रहे हैं।