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बताते चलें कि इससे पहले शिक्षा मंत्री ने मनुस्मृति, रामचरितमानस समाज में नफरत फैलाने वाले बताया था और अब इसे दलितों-पिछड़ों और महिलाओं का शिक्षा विरोधी बता रहे हैं वहीं शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद महागठबंधन में शामिल जदयू ने ही उनका विरोध किया है, जदयू के चीफ पब्लिसिटी ने बताया है कि उनमें दम है तो दूसरे धर्मों पर सवाल उठाकर दिखाएं।
शिक्षा मंत्री कहना है कि इस ग्रंथ में कई ऐसे दोहे हैं जिन पर आगे भी सवाल उठते रहेंगे रामचरितमानस को कूड़ा-कचरा कहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये मैंने नहीं कहा, यह डॉ. लोहिया ने कहा है मैं उनकी बातों को दोहरा रहा हूं, चंद्रशेखर ने रामचरित मानस के दूसरे दोहा पर भी खड़े किए सवाल
सापत ताड़त परुष कहंता। बिप्र पूज्य अस गावहिं संता। पूजिअ बिप्र सील गुन हीना। सूद्र न गुन गन ग्यान प्रबीना।।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान के बाद जदयू विधायक डॉ. संजीव ने विरोध जताया, उन्होंने कहा कि यह चीप पब्लिसिटी के लिए बयान दे रहे हैं इन्हें इलाज की जरूरत है रामचरितमानस पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता है हिम्मत है तो दूसरे धर्मों के बारे में बयान देकर सड़क पर चल कर दिखाएं यह तो हिंदू धर्म की महानता है कि वह अभी तक इस तरह का बयान दे रहे हैं।