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मंत्री ने कहा कि पिछली बार रामचरितमानस के सुंदर कांड के दोहे पर टिप्पणी की, तो जिह्वा काटने की कीमत 10 करोड़ रुपये लगाई गई थी, ऐसे में मेरे गले की कीमत क्या होगी क्या गुणहीन विप्र पूजनीय है और गुणयुक्त शुद्र वेद का जानकार होने पर भी पूजनीय नहीं है मुझे देश से बाहर जाने की बात कही जाती है, जब तक गोदान के पात्र की जातियां बदलेंगी, तब तक उनका विरोध कायम रहेगा।
इन चीजों का विरोध डा. राम मनोहर लोहिया और नागार्जुन ने भी किया था, एकलव्य का अंगूठा काटा गया आप लोग जगदेव प्रसाद को गोली मारने के कारण को जरा गूगल करके पढ़िएगा, तो पता चल जाएगा कि मैं किन चीजों का विरोध कर रहा हूं, लोग 56 इंच वाले से डिग्री क्यों नहीं मांगते बार-बार नौवीं पास और आठवीं पास कहकर, जो लालू जी के पुत्र पर टिप्पणी होती है, उस पर भी हमें कहना है।