Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

दरअसल नई शिक्षक नियमावली को विभिन्न विभागों की स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन अभी भी इसे मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलनी बाकि है इसे कैबिनेट में अभी तक नहीं भेजा गया, कैबिनेट में उसी प्रस्ताव को लाया जाता जिस पर आमतौर पर मुख्यमंत्री की सहमति रहती है हालांकि पूर्णिया के महागठबंधन रैली में मुख्यमंत्री नारेबाजी करने वाले शिक्षकों को मंच पर कहा था कि बिहार पर काफी शिक्षकों की नियुक्ति हुई है आगे भी बड़ी संख्या में नियुक्ति होने वाली है किसी के बहकावे में ना आए शिक्षकों की तनख्वाह बढ़ाई जाएगी लेकिन अभी तक कैबिनेट में नयी नियमावली स्वीकृति नहीं मिली है।
वहीं बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जब शिक्षा मंत्री ने नियमावली पर हस्ताक्षर करके भेज चुके हैं तो फिर कैबिनेट में अप्रूव क्यों नहीं हुआ महागठबंधन के अंदर की राजनीति का यह असर है, मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री के साथ शिक्षा मंत्री के बीच बढ़ विवाद के बाद यह स्थिति है, तेजस्वी और नीतीश बढ़-चढ़कर नौकरी देने की प्रतिस्पर्धा में ऐलान में लगे हैं लेकिन जमीनी सच्चाई क्या है कि नौकरी मांगने पर लाठियां बरसाई जाती हैं, शिक्षा मंत्री के स्वतंत्र तरीके से काम करने की वजह से नीतीश कुमार की नाराजगी है, आरजेडी के लोग मुख्यमंत्री पर लगातार हमलावर है, कोई लंगड़ी सरकार, तो कोई तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की, तो कोई शिखंडी कह रहा है।
टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक का कहना है कि सेवा शर्त के नाम पर सरकार ने बहुत खिचड़ी पका ली इसे अब बंद करे सरकार, शिक्षकों की बहाली की तिथि घोषित करे सरकार और उसकी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए, वर्ष 2011 और 2019 वाले अभ्यर्थी भी इंतजार में हैं कि कब सातवें चरण की शिक्षक बहाली शुरू होगी राजनीतिक खींचतान ठीक नहीं।