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इसे लेकर शिक्षा विभाग में समीक्षा बैठक के बाद डीईओ, डीपीओ को निर्देश दिया है की नियोजन प्रक्रिया में अनियमिता करने वाले अधिकारियों और फर्जी प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करें और शिक्षा विभाग ने 31 मार्च तक सभी जिलों को शिक्षकों की शत प्रतिशत वेतन पर्ची जारी करने और डिजिटल हस्ताक्षर करवाने के साथ ही बकाया वेतन के भुगतान का आदेश दिया है।
अपर मुख्य सचिव संजीव कुमार ने अपनी बैठक में शिक्षकों के नियुक्ति, निजी स्कूलों की मान्यता, शिक्षकों की वेतन पर्ची निर्धारण को लेकर चर्चा की और यह कहा की शिक्षक नियोजन प्रक्रिया बिना किसी ठोस आधार की नियुक्ति पत्र नहीं रोकी जाए, शिक्षकों के बकाया वेतन को लेकर पटना, सीतामढ़ी, बक्सर, कैमूर, बेगूसराय, शिवहर, भोजपुर, दरभंगा, किशनगंज, गोपालगंज समेत जिलों को राशि आवंटित करने की जानकारी दी गई है।
राज्य में फिलहाल प्रारंभिक स्कूलों में छठे चरण में 41 हजार शिक्षकों की बहाली हो चुकी है वही सातवें चरण की बहाली को लेकर सरकार ने अब तक कोई शेड्यूल जारी नहीं किया है लेकिन बड़े पैमाने पर डीएलएड, बीएड और बीटेट सर्टिफिकेट की जांच भी चल रही है और जो अभ्यर्थी फर्जी पाए गए हैं उन्हें चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी तेज हो गई है।