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संस्थान के शैक्षिक व्यवस्था से परिवार के दोनों पुत्र असंतुष्ट होकर संस्थान छोड़ने का फैसला किया, इसको लेकर संस्थान को लिखिए सूचना भी दी गई थी। इसके बाद उनके बच्चे संस्थान जाना छोड़ दिए। इसी बीच कुछ दिनों के बाद छात्र के पिता को पता चला कि उसे संस्थान द्वारा उनके बच्चों के शैक्षणिक शुल्क के मद में दो अलग-अलग लोन कर दिया गया है। इसकी शिकायत उन्होंने संस्थान से की लेकिन संस्थान के द्वारा इसका निपटारा नहीं किया गया। इसके बाद परेशान छात्र के पिता थक हार कर मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा के द्वारा 30 अक्टूबर को उपभोक्ता आयोग के समक्ष परिवाद दाखिल किया।
इस पर आयोग के अध्यक्ष पीयूष कमल दीक्षित, सदस्य सुनील कुमार तिवारी एवं अनुसूया के पूर्ण पीठ के द्वारा मामले की सुनवाई की गई। जिसके बाद फिल्म अभिनेता शाहरुख खान फुटबॉलर लियोनेल मेसी संस्थान के प्रबंध निदेशक समेत सात विरोधी पक्षकारों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। सभी विरोधी पक्षों को 12 जनवरी को आयोग के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। मामले से संबंधित जानकारी लेने पर अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि पूरा मामला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सेवा में कमी एवं फर्जी विज्ञापन से संबंधित है यह उपभोक्ता संरक्षण कानून के विरुद्ध है संस्थान के ब्रांड एंबेसडर अभिनेता शाहरुख खान एवं फुटबॉल रलियोनेल मेसी है, इसलिए उनको भी विरोधी पक्षकार बनाया गया हैं। निर्धारित तिथि पर इनलोगों की उपस्थिति नहीं होती है, तो आयोग अगली कार्रवाई करेगी।