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बताया जा रहा है कि आग की लपटें देखकर बलबीर सदा के पुत्र विशाल सदा अपने घर के अंदर चौकी के नीचे जाकर छुप गए इसे घर के सभी लोग अनजान थे इस बीच आग पर काबू पाने के दौरान उमेश सदा, धनेश्वर सदा, सुगिया देवी और लीला देवी झुलस गई, सभी को गंभीर स्थिति में घनश्यामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, वहीं जब आग पर काबू पाया गया तो सबकी नजर विशाल के शव पर पड़ी परिवार में कोहराम मच गया।
उमेश सदा अपने विवाहित पुत्र बलबीर सदा और रामविलास सदा सहित अविवाहित पुत्र रामचंद्र सदा और रामकिशुन सदा के साथ एक ही घर में रहते थे अचानक शार्ट सर्किट से घर में आग लग गई जब तक परिवार को समझ पाते तब तक धू-धू कर पूरा घर जलने लगा, सभी जैसे तैसे अपनी जान बचाकर निकले शोर सुनकर लोग मौके पहुंचे और आग पर काबू पाने की कोशिश करने लगे, थाने से अग्निशामक गाड़ी पहुंची तब तक सब कुछ जल कर रख हो चूका था।
नई पल्सर बाइक, पंप सेट मशीन भी अनाज, कपड़े, बर्तन, आभूषण, नकदी रुपये आदि संपत्ति की तरह जलकर राख हो गई, सूचना पर पहुंचे थानाध्यक्ष अजित कुमार ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, स्वजन के मातमी चीत्कार से पूरा गांव में मातम छा गया है।