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लोगो के विरोध और मामले को तूल पकड़ता देख थाने को इसकी सूचना दी गई जिसके बाद मोहनिया थाना पुलिस ने दोनों पक्षों से लोगों को थाने बुलाया जहां सीईओ राजीव कुमार के सामने उन्होंने अपनी बात रखी, बेलौड़ी पंचायत के मुखिया मीर इमरान सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे, मुखिया ने बताया कि वर्ष 1991 में कौड़ीराम व बेलौड़ी गांव के बीच कब्रिस्तान का विवाद हुआ था।
उस समय मोहनिया के तत्कालीन एसडीएम अनवर आलम मंजर ने यह फैसला किया था कि बेलौड़ी गांव के 10 घर शाह बिरादरी व कौड़ीराम के 60 घर के मुस्लिम परिवार का इस तीन बीघे रकबे वाले कब्रिस्तान पर हक होगा, उक्त आदेश के अनुसार शव का कौड़ीराम ग्राम के कब्रिस्तान में दफन होना चाहिए।
जिसके बाद पदाधिकारी ने कहा कि शव को आज दफ़नाने दिया जाए अगले शनिवार को दोनों गांव के लोगों की थाने में बैठक होगी जिसमें इस विवाद का हल निकाला जाएगा, जिसके बाद ग्रामीण माने और मकसूद शाह की पुत्री का शव कब्रिस्तान में दफनाया गया।