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इस नए कानून के मुताबिक कोई व्यक्ति नशे की अवस्था में पाया जाता है तो उसे तत्काल गिरफ्तार किया जाएगा इसके बाद निकट के एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा जहां उसे जुर्माना देना होगा यदि वह सरकार द्वारा तय जुर्माना का भुगतान कर देता है तो उसे छोड़ दिया जाएगा जुर्माना न देने पर एक माह का कारावास दिया जाएगा।
वही पहली बार गाड़ी पकड़े जाने पर भी उसे जब्त करने के बजाय जुर्माना लेकर छोड़ा जा सकेगा लेकिन इसमें बड़े और मालवाहक वाहन शामिल नहीं है, प्राइवेट छोटी गाड़ियों जिसमें कम मात्रा में शराब मिलेगी उसे ही छूट मिलेगी अब जब्त की गई शराब अगर किसी वजह से सुरक्षित ले जाना संभव नहीं है तो उसे बरामदगी वाली जगह पर डीएम के आदेश से नष्ट किया जा सकेगा।
इसके लिए जिलाधिकारी अधिकारियों की तैनाती करेंगे और उसका सैंपल रखना होगा, शराबबंदी कानून के तहत दर्ज मामलों का अनुसंधान एएसआई रैंक से नीचे के पुलिस या उत्पाद विभाग के अधिकारी नहीं कर सकते, विधेयक में ड्रोन से ली गई तस्वीर आदि को भी साक्ष्य की श्रेणी में रखने का प्रावधान किया गया है।