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घटना की सूचना नगर थाना पुलिस को दी गई, सूचना पर पहुंची पुलिस जवान भानु प्रताप को पकड़कर थाने लाई जहां से उसे छोड़ दिया गया था, जांच में फर्जी टीम की बात सामने आई थी जिस पर एसपी ने भानु को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
इस संबंध में जानकारी देते हुए एसपी किरण कुमार गोरख जाधव ने बताया कि बीते दिनों नगर थाने के निरीक्षण किया गया था, इस दौरान इस मामले को लेकर सीसीटीवी कैमरे की जांच की गई तो पता चला कि घटना के दिन दरोगा सतीश कुमार व जमादार संतोष राम शराब के नशे में पकड़े गए, भानु प्रताप को बचाने का भरपूर प्रयास किया गया जबकि पहले ही जांच में बता दिया गया था कि बिहार पुलिस जवान को थाने नहीं लाया गया था वही कैमरे में स्पष्ट तौर पर दिख रहा था के नशे में चूर जवान को थाने लाया गया है और उसके शराब पीने की जांच भी नहीं की गई थी।
बीते 11 मार्च को एसपी ने नगर थाने का फिर से निरीक्षण किया जिसमें एक बार फिर कैमरा फुटेज को चेक किया गया जिसमें देखा जा सकता था कि भानु प्रताप को बचाते हुए एक अन्य व्यक्ति को जेल भेजा गया था, बाद में पुलिस के जवान के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया, वही इस मामले में दो दरोगा व दो जमादार पहले ही निलंबित हो चुके हैं।