Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
यह नीति पूरी दुनिया के लिए एक मॉडल बन गई है, जैसे कि Amazon और Flipkart में दुकानें बंद कर होम डिलीवरी शुरू होती है। ठीक उसी प्रकार नीतीश बाबू ने बिहार में होम डिलीवरी का मॉडल पेश किया है शराब की दुकानें बंद कीं और घर-घर शराब की डिलीवरी चालू कर दी।
आगे उन्होंने कहा कि बिहार में घर-घर शराब बेची जा रही है, जिससे राज्य के गरीबों का हर वर्ष 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पैसा शराब माफिया और अफसरों की जेब में जा रहा है, जबकि बिहार के लोग गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने बिहार की जनता से सवाल पूछते हुए कहा की क्या नीतीश कुमार का शासन बदलना चाहिए? इस पर वहां मौजूद लोगों ने ध्वनि मत से प्रशांत किशोर के बयान का समर्थन किया।