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वही जमीन पर गिराकर बैंड फाड़ दिए साथ ही भद्दी भद्दी गालियां दे रहे थे। जिसके बाद जान मारने की नीयत से गला भी दबाया गया। वही जब उनके साथी अनुपम राय ने मुझे बचाने का प्रयास किया तो उन पर भी उक्त लिगों ने हमला कर घायल कर दिया। नाक से खून बहने लगा। हल्ला सुनकर अन्य अधिवक्ता आ गए। इसी बीच मौका पाकर बाइक से नंदलाल प्रजापति भागने लगे। जिन्हें अधिवक्ताओं व अन्य लोगों ने पकड़ लिया। पूर्व में भी नंदलाल प्रजापति द्वारा उन्हें मुंशी के मोबाइल पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। कहा गया था कि उनके रिश्तेदार बसावन मिस्त्री के खिलाफ मुकदमा लड़ोगे तो जान से हाथ धो बैठोगे।
इस संबंध में पूछे जाने पर मोहनियां के प्रभारी थानाध्यक्ष सुनील कुमार निर्झर ने बताया कि अधिवक्ता के आवेदन के आलोक में मारपीट करने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है। वहीं मोहनियां अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष नागेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अधिवक्ता के साथ मारपीट की घटना दुखद है। पूर्व में भी अनुमंडल न्यायालय परिसर में इस तरह की घटना हो चुकी है। ऐसे मामलों में पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। तभी अधिवक्ता सुरक्षित रह पाएंगे।