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वही कांड दर्ज करने के बाद अभियुक्त के खिलाफ न्यायालय में आवेदन देकर तलाशी का वारंट लिए गया। जिसके आधार पर अभियुक्त के मनिहारी, कटिहार, पटना एवं प्रयागराज स्थित उनके आवास व कार्यालय में तलाशी चल रही है। मिली जानकारी के अनुसार अभियुक्त ने अपने कार्यवधि में विभिन्न जगह पदस्थापित रहने के दौरान अकूत चल और अचल सम्पति अर्जित की है।
आपको बता दे की श्वेता मिश्रा पर यह कोई नया आरोप नहीं है इसके पूर्व भी जब वह भोजपुर के आरा के सदर अनुमंडल ब्लॉक में डीसीएलआर के पद पर पदस्थापित थी उस वक्त भी उन पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इस मामले की बाकायदा जांच भी कराई गई थी। इतना ही नहीं श्वेता मिश्रा पर लगे आरोपों की गूंज बिहार विधानसभा तक सुनाई पड़ी थी इसके बाद इन्हें सरकार ने डीसीएलआर के पद से मुक्त करते हुए मनिहारी में पदस्थापित कर दिया था। जाँच के दौरान अब तक इनके मनिहारी के ठिकानों से बड़ी नकदी बरामद होने की बात सामने आई है। जांच टीम ने नोटों की गिनती के लिए बाकायदा मशीन भी मंगवाई है। फिलहाल कार्रवाई चल रही है।