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उन्होंने कहा कि इस संकल्प के साथ निकले कि बिहार को 2005 से पहले वाली स्थिति में वापस नहीं लौटने देंगे, नीतीश कुमार को बिहार की जनता ने जिस राजद को मिट्टी में मिला कर सत्ता सौंपी थी, नीतीश कुमार ने पार्टी और राज्य को उसके ही हवाले कर दिया है, राज्य के कानून व्यवस्था बद से बदतर होती गई है, हर दिन हत्या, अपहरण, बलात्कार, लूट की घटनाएं बढ़ती जा रही है प्रदेश में अपहरण और आतंक का ही उद्योग चलेगा।
चंद सलाहकारों की बात में आकर मुख्यमंत्री ने अपने ही पैर में कुल्हाड़ी मार लिया, डील के साथ पार्टी और राज्य के साथ-साथ नीतीश कुमार को राजनीति जायदाद को राजद के हाथों बंधक रख दिया है, पहले वह पार्टी में सुधार की बात करते थे लेकिन मुख्यमंत्री के पास कुछ नहीं बचा तो हिस्सेदारी नहीं अब मुकम्मल विरासत की बात करने निकले हैं, इस यात्रा का जनता से भरपूर समर्थन मिला है विरासत बचाओ नमन यात्रा के क्रम में जेपी की कर्मभूमि और पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के जन्म और कर्म भूमि को भी नमन करने जाएंगे, अंत में शहीद जगदेव प्रसाद के जन्म और कर्म भूमि कुर्था में उनकी यात्रा का समापन होगा।