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सत्ता पक्ष का आरोप था कि जब से इस देश में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाएं बढ़ी है, कथुवा-कटवा उन्नाव में महिला के साथ दुष्कर्म का मामला हो, मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घूमने का मामला हो या फिर बिलकिस बानो का मामला हो, इन सभी मामलों में महिलाओं के अधिकार का हनन हुआ है, मोदी सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए बड़ी-बड़ी घटनाएं होने के बाद भी मौन साधे है।
दूसरी तरफ विपक्षी दल भाजपा ने शुक्रवार को सदन की गतिविधियां प्रारंभ होने के पूर्व जीतन राम मांझी के समर्थन में मोर्चा संभाल लिया था, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के नेतृत्व में भाजपा सदस्य सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के कार्यालय कक्ष के बाहर धरना पर बैठ गए और दलित मुख्यमंत्री के साथ हुए अपमान के मसले उठाया, नेता प्रतिपक्ष ने कहा इस सदन में एक दलित पूर्व उप मुख्यमंत्री का अपमान हुआ है राज्य में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है, मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।