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दरअसल रंजन कुमार सिंह पापुआ न्यू गिनी देश में रहकर काम कर रहा था, वह इस्सर प्रोजेक्ट प्राइवेट कंपनी में पोप्लेन व अन्य मशीन चलाता था, अचानक 9 दिसंबर को कंपनी द्वारा स्वयं को सूचना दी गई कि उसकी मृत्यु हो चुकी हो गई उसने खुदकुशी कर ली है, जिसके बाद 23 दिसंबर गुरुवार की रात भजौर गांव पहुंचा, मृतक की पत्नी पूजा कुमारी ने कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे खुदखुशी नहीं किए हैं बल्कि उन्हें जहर देकर उनकी हत्या की गई है, जिसे कंपनी खुदकुशी का रूप देकर पल्ला झाड़ रही है, शव भेजने के बाद कंपनी बात करने के लिए तैयार नहीं है, वहीं मृतक तीन भाई और एक बहन में सबसे छोटा था, मृतक को 4 वर्ष का एक पुत्र भी है।
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मृतक के भाई गगन सिंह ने बताया कि कंपनी द्वारा 9 दिसंबर को मौत होने के बाद 12 दिसंबर को शव भेजने के लिए कहा गया था, फिर 14, 16, 18 को शव भेजने की बात हुई लेकिन शव 19 दिसंबर को पोस्टमार्टम कराकर अकेला भेजा गया, साथ ही कंपनी द्वारा हत्या कर शव को फंदे से लटका कर खुदकुशी का रूप दिया गया और मृतक का मोबाइल सहित अन्य पर्सनल सामानों को भी कंपनी द्वारा नहीं दिया गया, जिस वजह से दिल्ली एयरपोर्ट थाना में कंपनी पर एफआईआर किया गया है और कोर्ट के आदेश के बाद दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया है, ताकि मौत की सच्चाई पता चल सके।
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मृतक 2013 में पापुआ न्यू गिनी में इस्सर कंपनी में काम करने गया था फिर 2018 में वह घर आया, जिसके बाद वह फिर वापस अपनी कंपनी में गया था, मृतक की पत्नी पूजा कुमारी ने बताया कि उनके पति अगस्त महीने में ही आने वाले थे, वह घर नहीं आने से काफी परेशान थे, कंपनी द्वारा उनकी छुट्टी कैंसिल कर दी गई और 1 माह बाद जाने के लिए कहा गया, फिर दिसंबर माह में घर आने वाले थे और उनके खाने में जहर मिला दिया गया, जिससे उनकी मौत हो गई उन्होंने भारत सरकार से इस कंपनी पर कार्रवाई करने और मुआवजा दिलाने की मांग की है।