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मुस्लिम समुदाय के लोगो में काफी रोष है उन्होंने नगर अध्यक्ष का बैनर फाड़ दिया और नारेबाजी की। स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली नेता माने जाने वाले चांद खान का इस्तीफा जदयू के लिए बड़ी चुनौती है। वे एक वार्ड प्रतिनिधि हैं और उनकी बहन को कई बार चुनाव जिताने में सफल रहे हैं। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह इस्तीफा पार्टी की स्थिति को कमजोर कर सकता है।
आपको बता दे की जदयू पहले से ही वक्फ बिल के समर्थन के कारण मुस्लिम नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष का सामना कर रही है। इसी बिच चांद खान के द्वारा भी इस्तीफा दे संकेत दिया गया है कि यह विरोध आगे भी जारी रहेगा। पार्टी के लिए यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि उसका एक बड़ा वोट बैंक अल्पसंख्यक समुदाय से आता है। इस तरह के विद्रोह से पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान पहुंच रहा है।