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जानकारी के अनुसार लुधियाना पंजाब की समरेल डिब्बा रोड में सुरेश सहनी 20 वर्ष से कबाड़ी का काम कर रहे थे, वे वहीं झुग्गी में रहते थे, मंगलवार की रात अपने दैनिक कार्य को निबटाकर सभी लोग खा-पीकर सो गए अचानक सुबह में उनके झुग्गी में आग लग गई, इस आगलगी में कबाड़ भी जल गया, वहीं इसकी धधक में झुग्गी में सोए सात लोग भी झुलसकर मर गए, जिसमें गृहस्वामी, उनकी पत्नी और पांच बच्चे शामिल हैं हालांकि उनका बड़ा पुत्र राजेश कुमार सहनी उसी दिन एक दोस्त के घर गया हुआ था, इस कारण वह बाल-बाल बच गया।
बताया जा रहा है कि सुरेश सहनी के बड़े पुत्र राजेश कुमार सहनी की शादी तय हो गई थी उसी शादी लिए पूरा परिवार 25 अप्रैल को गांव आने वाला था ने बताया कि 5 दिन पूर्व सूचना आई कि 29 अप्रैल को बड़े बेटी की शादी करनी है हम सभी 25 को गांव पहुंच जाएंगे, लुधियाना में ही सारी खरीदारी कर ली गई है कपड़ा, गहना समेत अन्य जरूरी सामानों की खरीदारी कर सभी यहां आने के लिए पैकिंग कर रहे थे पर एक झटके में ही सब कुछ स्वाहा हो गया अब केवल एक पुत्र ही रह गया है जो भाग्यवश बच गया।
लुधियाना के कबाड़ में जिंदा जले मृतकों में बंधार पंचायत वार्ड 9 बाघोपुर सहनी टोला निवासी सुरेश साहनी, पत्नी अरुणा देवी, पुत्री राखी कुमारी, मनीषा कुमारी, गीता कुमारी, चंदा कुमारी व पुत्र सन्नी कुमार वर्ष शामिल है बतया जा रहा है की शव की हालत इतनी भयावह थी कि पंजाब पुलिस ने सभी का दाह संस्कार सम्मानपूर्वक वहीं कर दिया।
बताया जा रहा है कि गांव में परिवार की हालत काफी दयनीय थी मां और पिता के मृत्यु के बाद सुरेश सहनी ने लुधियाना क्यों रुख किया और वहां जाकर कबाड़ व्यवसाय से जुड़ गया इस व्यवसाय में सब कुछ समझबुझ जाने के बाद उसने अपना खुद का धंधा शुरू किया जिसके बाद वह अपनी पत्नी को भी ले गया और समराला चैक के नजदीक टिब्बा रोड स्थित मक्कड़ कॉलोनी में अपनी झुग्गी भी बना ली और वही कबाड़ इकट्ठा करने लगा अभी उसका धंधा ठीक चल रहा था जिस वजह से सुरेश का बड़े बेटे राजेश सहनी भी इस कारोबार में हाथ बंटाने लगा था, कुछ दिन पूर्व ही उसने अपनी बेटे की शादी की बात कही थी।