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दरअसल बुधवार को लालू प्रसाद यादव ने दिल्ली में कहा कि पीआईएफ की जांच चल रही है पीआईएफ की तरह जितने भी संगठन है उन पर प्रतिबंध लगे, आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए ताकि जो भी एकरूपता है मुस्लिम संगठनों में फीलिंग नहीं जाना चाहिए आरएसएस पर पहले भी प्रतिबंध लगा था इमरजेंसी के समय, उन्होंने कहा कि आपका कैसा शासन है कि इस तरह की बात आती है एक ही बाजा बजाते रहते हैं टीवी पर पीएफआई का हौवा दिखा रहे हैं सबसे पहले आरएसएस पर प्रतिबंध लगाइ,ए इसके बाद लालू प्रसाद यादव ने ट्ववीट भी किया और लिखा कि आरएसएस पर दो बार पहले भी प्रतिबंध लग चुका है सबसे पहले लौह पुरुष सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल और जदयू का जो मिलन हुआ है वह उदाहरण है कि अब मोदी की विदाई तय है, नीतीश कुमार का भरोसा हम टूटने नहीं देंगे चारों तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है, महंगाई है, हिंदू-मुस्लिम करके देश तोड़ा जा रहा है मैंने पहले ही कहा था कि देश रहेगा या टूटेगा, मस्जिदों पर चढ़कर भगवा झंडा फहराकर और मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करके देश में दंगा-फसाद कराना चाहते हैं और शासन में बने रहना चाहते हैं।
वही तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनाने के सवाल पर लालू ने कहा कि इंतजार कीजिए भाजपा को बिल्कुल हराया जा सकता है सोनिया गांधी से बात हुई है मैडम ने कहा है कि संगठन के चुनाव के बाद फिर से बैठक करेंगे, वहीं भाजपा ओबीसी मार्च के राष्ट्रीय महामंत्री और बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद लालू यादव के बयान पर कहा है कि महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सेक्यूलरिज्म का चैंपियन बनने का कंपटीशन चल रहा है संघ के खिलाफ बोलकर लालू प्रसाद अपना वोट बैंक मजबूत करने के लिए मुसलमानों के मनोभावों को संतुष्ट करना चाहते हैं लालू जी की राजनीति के मूल तत्व मूल तत्व में छद्म धर्मनिरपेक्षता, धार्मिक तुष्टीकरण, मुस्लिमपरस्ती और पाकिस्तानपरस्ती के साथ-साथ भाजपा विरोध के नाम पर हिंदू धर्म का अप्रत्यक्ष और हिंदू सनातन धार्मिक संस्थाओं एवं सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का सीधा विरोध शामिल है।