Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

इसी वीडियो को आधार मानकर पटना पुलिस प्रशासन ने लाठीचार्ज में विजय सिंह की मौत नहीं होने की बात कही थी, घटना के दूसरे दिन 14 जुलाई को भरत चंद्रवंशी का एक वीडियो प्रसारित हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि विजय सिंह की मौत पुलिस की लाठी से ही हुई है, इसकी पड़ताल के लिए ही पटना पुलिस जहानाबाद पहुंची थी, टीम ने भरत चंद्रवंशी से पूछताछ शुरू की, इसी बीच सूचना पर भाजपा के दर्जनों कार्यकर्ता समेत एमएलसी प्रमोद चंद्रवंशी, दीघा विधायक संजीव चौरसिया, पूर्व एमएलसी राधा मोहन शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष अजय कुमार देव, पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेशशर्मा, शशिरंजन, भाजयुमो जिलाध्यक्ष गोपाल कुमार पहुंच गए।
टीम के सदस्यों ने बताया कि घटना के सत्यापन के लिए भरत चंद्रवंशी को नोटिस देने आयी थी, 18 जुलाई को गांधी मैदान थाना में उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है, नोटिस देकर टीम पटना लौट गई, टीम में अगमकुआं इंस्पेक्टर विमलेंदू कुमार, पीरबहोर थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार, रूपसपुर थाने के प्रमोद कुमार समेत एक अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल थे।