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उस समय वर्तमान कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार का स्थानांतरण हो गया और दूसरे कार्यपालक अभियंता ने जब जांच की तो पाया कि करोड़ो रुपए को हेराफेरी हुई है जैसे ही मामला संज्ञान में आया उन्होंने 2018 में कार्यपालक अभियंता और राजू कुमार सहित अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई, मामला दर्ज होने के बाद पुलिस के द्वारा काफी समय तक छानबीन की गई और एसपी ने इन अभियुक्तों को गिरफ्तारी के लिए एसआईटी की टीम का गठन किया, इसी सूचना के आधार पर पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार कर लिया है पुलिस का कहना है कि जो अभियुक्त फरार है उन लोगों को भी जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा लेकिन जैसे ही रोकड़पाल की गिरफ्तारी हुई है।