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अपने कार्यालय कक्ष में बंधक बने बीईओ अखिलेश कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है, उनका कहना है कि वेतन विसंगति मामले में शिक्षा निदेशक के पत्र के आलोक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिखा गया है डीपीओ स्थापना के आदेश आने के बाद आगे कोई कार्यवाही की जाएगी इस बारे में शिक्षकों को जानकारी दी जा चुकी है फिर भी शिक्षकों के द्वारा उनके साथ बदतमीजी की गई।
धरना प्रदर्शन पर बैठे शिक्षकों के अनुसार साल 2006 में नियोजित शिक्षकों का वेतन विसंगति 2015 में हो गया था, इसके सुधार को लेकर बिहार सरकार और जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पत्र निर्गत किया था एक सप्ताह के अंदर वेतन विसंगति दूर कर जिला को सौंपना था, लेकिन उनके द्वारा प्रखंड के शिक्षकों को बरगला कर पांच-पांच हजार रुपये रिश्वत माँगा गया, इससे नाराज शिक्षकों ने बीईओ कार्यालय में बंद कर उनको बंद कर दिया, वही जैसे ही इसकी सुचना ढ़ाका थानाध्यक्ष मुकेश चंद्र कुंवर को हुई वह तुरंत मौके पर पहुंचे और बंधक बने बीईओ को कब्जे से मुक्त कराया शिक्षकों को शांत भी कराया।