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जिससे आरा शहर के मुख्य बजार सदर अस्पताल के पास आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया। सड़क जाम कर रहे राष्ट्रीय लोजपा नेता और पीड़ित परिजन भोजपुर पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार यादव के खिलाफ खुब नारेबाजी भी की । सड़क जाम की सूचना के बाद मौके पर आरा सदर एसडीपीओ समेत भारी संख्या में पुलिस बल पहुंची और आक्रोशित लोगों को समझाते हुए किसी तरह जाम को हटवाया। वही पुलिस अपनी अभिरक्षा में पीड़िता को कोर्ट ले जाकर 164 का ब्यान दर्ज कराने में जुटी हुई है। भोजपुर पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार यादव पर पीड़िता के पिता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस बच्ची के साथ गैंगरेप मामले में दबाव बना रही है और पीड़ित नाबालिक का ब्यान बदलने की कोशिश कर रही है। पीड़ित को महिला थानाध्यक्ष अंशु कुमारी के द्वारा ब्यान बदलने के लिए बार-बार टॉर्चर किया जा रहा है।
वही राष्ट्रीय लोजपा के जिलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने कहा कि पीड़िता के परिजनों के साथ पुलिस का यह व्यवहार गलत है। जिसके खिलाफ आज हम लोगों ने सड़क जाम किया है। मामले से सम्बंधित जानकारी लेने पर आरा सदर एसडीपीओ परिचय कुमार के द्वारा बताया गया की पुलिस अपना अनुसंधान कर रही है जो भी आरोप परिजनों के द्वारा लगाया जा रहा है वो बिल्कुल निराधार है। मेडिकल जांच के दौरान जो सबूत इकट्ठा किए गए हैं, उन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जिसका रिपोर्ट भी जल्द आ जाएगा। फिलहाल पुलिस पीड़िता का कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराने के साथ पूरे मामले की छानबीन कर रही है। आपको बता दें कि पिछले 1 फरवरी की रात कोईलवर थाना क्षेत्र के गिधा ओपी अन्तर्गत एक गांव में अपने घर में पढ़ रही नाबालिग लड़की को गांव के नामजद युवकों के द्वारा जबरन उठाकर गांव से दूर खेत में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इस घटना के बाद पीड़िता की हालत गंभीर हो गई थी और उसे परिजनों के द्वारा इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पीड़ित बच्ची के पिता राष्ट्रीय लोजपा पार्टी के जिला ईकाई के बड़े नेता हैं और वो सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी विधायक के रिस्तेदार भी है। जिसके बाद से ही यह घटना राजनीतिक तूल पकड़ते जा रहा है और इस घटना की चर्चा भी काफी तेजी से हो रही है।