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सरकार की तरफ से जो फार्मूला तय किया गया है वह मेयर और डिप्टी मेयर के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को मानना होगा, राज्य सरकार ने मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव खर्च की सीमा तय कर दी है इन पदों के लिए तय फार्मूले के मुताबिक पटना नगर निगम क्षेत्र में मेयर और डिप्टी मेयर पद के उम्मीदवार किसी भी शहरी विधानसभा सीट से तीन चार गुना अधिक मतदाताओं की तरफ चुने जाएंगे लेकिन उनकी खर्च की सीमा विधायक का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों से कम होगी, राज्य में मेयर और डिप्टी मेयर के भीतर चुनाव में 30 लाख रूपए तक खर्च कर पाएंगे जबकि विधानसभा उम्मीदवारों के लिए यह सीमा 40 लाख रुपए तक है खर्च का फार्मूला तय करने के लिए वार्ड पार्षद के चुनाव के खर्च और वार्डों की कुल संख्या को आधार बनाया गया है।
पटना के मेयर और डिप्टी मेयर के होने वाले चुनाव में 12 लाख से अधिक वोटर पर है सरकार ने अपने फॉर्मूले के मुताबिक 4 हजार से 40 हजार वोटर्स की संख्या वाले वार्ड पर खर्च की सीमा 60 हजार रुपए तक की है जबकि 10,000 से 20,000 वोटर्स की संख्या वाले वार्ड में खर्च सीमा 80,000 तक की है इसे देखते हुए उन उम्मीदवारों की खर्च सीमा तय की गई है।
बता दे कि लोकसभा में उम्मीदवारों को 95 लाख रुपए खर्च करने की इजाजत होती है विधानसभा चुनाव में 40 लाख नगर निगम के वार्ड पार्षद के पद के उम्मीदवार की खर्च सीमा को उस नगर निगम के कुल वार्ड से गुणा कर दो से भाग देने पर जो राशि आएगी उतनी ही राशि मेयर और डिप्टी मेयर के प्रत्याशी चुनाव में खर्च कर पाएंगे यही फार्मूला नगर पंचायत नगर परिषद सभापति व उपसभापति पद के लिए होगा।