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बीते माह सितंबर में केंद्र सरकार ने उच्च न्यायालय को एक हलफनामे में बताया था की पिछड़ा वर्ग की जनगणना प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर है, इससे पहले भी बिहार के सर्वदलीय के प्रतिनिधि नेता के रूप में नीतीश कुमार ने जाति जनगणना में ओबीसी को शामिल करने को लेकर दबाव बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है।
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वहीं जातीय जनगणना के बारे में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का कहना है की किसान आंदोलन की तरह जाती आधारित जनगणना के लिए देशव्यापी आंदोलन करने की आवश्यकता है, इस बयान पर मुख्यमंत्री से प्रतिक्रिया मांगे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा की मुझे नहीं पता की उन्होंने क्या कहा है लेकिन जल्दी फैसला लिया जाएगा बिहार में जाती आधारित जनगणना की मांग पर राजद समेत सभी राजनीतिक दलों के नेता एक साथ बैठकर चर्चा करेंगे।
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इन सब के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट तौर पर कहा की कुछ लोग शराबबंदी के फैसले के खिलाफ है यहां तक की उन्होंने कहा की धंधेबाज चाहते हैं की शराबबंदी कानून भी विफल हो जाए, उन्होंने कहा की हम लोग यह मानकर चलते हैं की कुछ लोग मेरे खिलाफ रहेंगे शराबबंदी करने के लिए पूरा का पूरा प्रयास करना चाहिए इसके लिए सबको समझना चाहिए, गड़बड़ी करने वालों पर कानून के मुताबिक कार्रवाई भी होनी चाहिए।