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राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले को पद मुक्त मुखिया मंजू देवी ने हाईकोर्ट में चुनौती

Bihar: कैमूर जिले के चांद प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पाढी पंचायत के मुखिया मंजू देवी को राज्य निर्वाचन आयोग ने गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ लेने के आरोप में पद मुक्त कर दिया था, जिसे चुनौती देते हुए मुखिया मंजू देवी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, दरअसल पंचायत चुनाव 2021 में मुखिया मंजू देवी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी प्रीति कुमारी चौरसिया को 800 से अधिक मतों से पराजित किया था जिसके बाद मुखिया के जाति प्रमाण पत्र पर उनकी प्रतिद्वंदी प्रीति कुमारी चौरसिया ने गलत तरीके से हासिल किए प्रमाण पत्र की शिकायत दर्ज कराई थी।

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चांद प्रखंड

2016 के चुनाव में पद मुक्त मुखिया मंजू देवी ने पति की जाति के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बनवाया था और 2021 के चुनाव के गाइडलाइन के अनुसार जाति प्रमाण पत्र पिता के आधार पर बनवाना था 2016 का चुनाव में हार के बाद मंजू देवी ने उसी समय बने अत्यंत पिछड़ा वर्ग 01 तेली जाति प्रमाण पत्र पर 2021 में पाढी पंचायत मुखिया के लिए निर्वाचित हुई उनकी प्रतिद्वंद्वी प्रिती कुमारी चौरसिया एवं शमशेर बहादुर सिंह के द्वारा मंजु देवी मुखिया के जाति प्रमाण पत्र पर वाद संख्या 48/2022 एवं 78/2022 राज्य निर्वाचन आयोग में वाद दायर किया इसी बीच में तत्कालीन सीईओ ने 2022 में मंजु देवी की जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया।

राज्य निर्वाचन आयोग में लंबी सुनवाई के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ लेने के आरोप को सही मानते हुए दिनांक 05 जुलाई 2022 को मुखिया मंजु देवी को पद मुक्त कर दिया, जाति प्रमाण पत्र के सवाल पर मुखिया मंजु देवी ने 23 जुलाई 2023 को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर समान्य प्रशासन विभाग के आदेश संख्या-673 दिनांक 08 मार्च 2011 के जाति निर्धारण पिता के जाति से होगा को चैलेंज किया गया।

मंजु देवी की मायका उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले सहाबगंज हैं, पति एवं पत्नी मंजू देवी की जाति तेली है यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है सुनवाई चल रही है इसी बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने मुखिया मंजु देवी को पदमुक्त करते हुए अपराधिक मामला मानते हुए कारवाई करने का आदेश दिया है, इस संबंध में जिला पंचायती राज पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवा कर आरक्षण का लाभ देने के लिए बिहार पंचायत राज अधिनियम की धारा 135 और 136 के आलोक में कार्रवाई करते हुए मंजू देवी को पद मुक्त कर दिया गया है। ‌

 

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