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अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का जो उत्सव मोदी ने जिस तरह से मनाया है उस तरह का उत्सव देश ने कभी नहीं देखा था। वहां राम कहां थे, अंदर बाहर मोदी और सिर्फ़ मोदी ही थे। आगे शिवानंद तिवारी ने कहा की उस उत्सव का लक्ष्य भी आगामी लोकसभा चुनाव ही था। थोक भाव में जिस प्रकार भारत रत्न बांटा गया उसका लक्ष्य भी तो आगामी चुनाव ही है। अबकी बार 4 सौ पार, रोजाना इस उद्घोष का क्या मतलब। एक सशंकित प्रधानमंत्री अपने मन का डर निकाल रहे हैं।
अपने कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री को मालूम है कि पिछले यानी 2019 के चुनाव में उनको सिर्फ़ 39 प्रतिशत वोट ही मिले थे। मन सशंकित है। विपक्षियों में तालमेल हो गया तो हमारा खेल खत्म हो जा सकता है। इसलिए उनके निशाने पर कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल हैं। साम, दाम,दंड , भेद , सहित तरकस के सभी तीर इस्तेमाल हो रहे हैं। लेकिन मन का डर निकल नहीं रहा है। इसलिए आजकल रोज़ाना ऊंची आवाज़ में एक से बढ़कर एक दावा हो रहा है।