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आगे उनके द्वारा कहा गया की वर्ष 2014 से 2024 तक 20 करोड़ नौकरी का हिसाब प्रधानमंत्री ने क्यों दबा दिया। ओल्ड एज पेंशऩ पर चुप्पी क्यों, रेलवे की बहाली क्यों बंद हो गई, सेना में अग्निवीर नाम की चीज क्यों आई। एक रिवाज के तहत भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया। भाजपा को अपने घोषणा पत्र को फिर से रिवाइज करना चाहिए। राजद के परिवर्तन पत्र को लेकर मनोज झा ने कहा कि विपक्ष को इस बात की समझ नहीं है कि जो पार्टी दो सीट पर भी चुनाव लड़ती है, वो भी घोषणा पत्र जारी करती है और कहती है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वो अपने घोषणा पत्र के अनुसार कार्य करेगी। उन्होंने विपक्ष के साथियों को राजनीति शास्त्र का अध्ययन करने को कहा।
परिवर्तन पत्र में नौकरी देने और उसके बदले में जमीन लिखवाने के विपक्ष के आरोप पर मनोज झा ने कहा कि ये बहुत अशोभनीय बातें हैं और ये बातें कहीं से भी पालिटिकल नहीं है। जिनका जनता के प्रति कोई सरोकार नहीं होता। वही लोग इस तरह की अशोभनीय बातें करते हैं। उन्होंने विपक्ष को कहा कि जमीन पर आइए और जमीन के मुद्दों पर बात करिए। बिहार की 40 सीट को लेकर उन्होंने कहा कि वो कोई भविष्यवक्ता नहीं लेकिन लोग जुमलों से मुक्ति चाहते हैं और जनता को 17 महीना बनाम 17 साल भा रहा है। उन्होंने पीएम के चेहरा को लेकर कहा कि देश के लोकतंत्र की सामुहिकता से उपजा हुआ चेहरा होगा, वो जोड़ने का काम करेंगा, तोड़ने का नहीं।