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इस संबंध में मोहनिया थानाध्यक्ष प्रियेश प्रियदर्शी ने बताया कि रविवार की देर शाम थाना के सरकारी नंबर पर एक युवक का फोन आया। जो अपना नाम यादवेंद्र कुमार पांडेय बताया। कहा कि वह यूपी विधानसभा अध्यक्ष का ओएसडी है। उसे लखनऊ जाना है। बिना शुल्क के टोल प्लाजा पार करा दीजिए। वह काले रंग की एक्सयूवी 300 में सवार है। जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर डीएल 8 सीबीसी 2211 है। जिसके बाद उनके द्वारा फर्जीवाड़े को भांप कर संध्या गस्ती में निकले एसआई आनंद कुमार को सूचित किया गया। जो दुघरा पुल के पास वाहन चेकिंग कर रहे थे। जब वे टोल प्लाजा पर पहुंचे तो उस रंग और नम्बर की गाड़ी वहां नहीं थी।
वहां तैनात कर्मियों से पता चला कि उक्त गाड़ी तुरत टोल प्लाजा पार कर निकली है। पुलिस ने पीछा करते हुए दुर्गावती के समीप से काले रंग की एक्सयूवी 300 को रोका। जिसमें उक्त तीनों लोग सवार थे। अपने को विधान सभा का ओएसडी बताने वाले यादवेंद्र कुमार पांडेय से पूछताछ की गई तो वह टालमटोल करने लगा। फिर स्वीकार किया कि वह गाड़ी पार कराने के लिए झूठ बोला। उसका मोबाइल चेक किया गया तो उसी के नंबर से थाना के नंबर पर फोन किया गया था। वाहन व मोबाइल को जप्त कर यादवेंद्र कुमार पांडेय, दीपक कुमार चौरसिया व नंदन चौबे को थाना लाया गया। विधान सभा अध्यक्ष के नाम पर फर्जीवाड़ा करने के आरोप में उनके विरुद्ध मोहनियां थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।