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मोहनियां व्यवहार न्यायालय में दहेज उत्पीड़न मामले में पति,सास व ससुर को 3 साल की सजा

Bihar: कैमूर जिले के मोहनियां अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के एसडीजेएम आशीष चंद्र के द्वारा दहेज उत्पीड़न मामले में विवाहिता के पति, सास व ससुर को तीन-तीन साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दरसल इस मामले में अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी रणधीर कुमार धीरज के द्वारा मजबूती के साथ पीड़िता का पक्ष रखा गया। जिस कारण आरोपितों को दंड मिला। अभियोजन पदाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मोहनियां थाना क्षेत्र के भरखर ग्राम निवासी राजेश्वर पांडे की पुत्री नंदनी कुमारी का विवाह 29 मार्च 2018 को इसी थाना क्षेत्र के करमहरी ग्राम निवासी नर्मदेश्वर चौबे के पुत्र संजय चौबे से हुई थी।

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NS Newsविवाह के कुछ दिनों तक तो ससुराल वालों का व्यवहार अच्छा रहा। विवाहित दो बहने हैं,कोई भाई नहीं है। इनके पिता का मोहनिया में मकान है। इसी को लेकर ससुराल वाले नंदिनी कुमारी को प्रताड़ित करने लगे। वे मोहनिया का मकान दहेज के रूप में लेना चाह रहे थे। ससुराल वालों की प्रताड़ना से परेशान होकर विवाहिता मायके चली आई। काफी समझाने के बाद भी ससुराल के लोग मानने को तैयार नहीं हुए। लाचार होकर विवाहिता ने 12 जुलाई 2022 को मोहनियां थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया। जिसमें पति संजय चौबे, ससुर नर्मदेश्वर चौबे,सास धर्मशीला देवी,जेठ आशुतोष चौबे व जेठानी प्रियंका देवी पर दहेज के लिए प्रताड़ित व मारपीट करने का आरोप लगाया था।

वही 3 साल के अंदर दहेज प्रताड़ना के इस मामले में मोहनियां के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी आशीष चंद्र ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को फैसला सुनाया। जिसमें आईसीपी की धारा 498 ए में पति,सास व ससुर को तीन तीन साल की सजा व चार दहेज प्रतिषेध अधिनियम में छह छह माह सश्रम कारावास की सजा सुनाई। जेठ और जेठानी को बरी कर दिया गया। न्यायालय के फैसले से विवाहिता व उसके स्वजनों में काफी खुशी थी। इसे न्याय की जीत बताया। आरोपितों को अपील के लिए एक माह का समय देते हुए जमानत पर छोड़ा गया।

 

 

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