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वही 3 साल के अंदर दहेज प्रताड़ना के इस मामले में मोहनियां के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी आशीष चंद्र ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को फैसला सुनाया। जिसमें आईसीपी की धारा 498 ए में पति,सास व ससुर को तीन तीन साल की सजा व चार दहेज प्रतिषेध अधिनियम में छह छह माह सश्रम कारावास की सजा सुनाई। जेठ और जेठानी को बरी कर दिया गया। न्यायालय के फैसले से विवाहिता व उसके स्वजनों में काफी खुशी थी। इसे न्याय की जीत बताया। आरोपितों को अपील के लिए एक माह का समय देते हुए जमानत पर छोड़ा गया।
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