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अस्पताल का आरओ खराब था। इस दौरान मरीजों ने सफाई की बदहाल व्यवस्था से उन्हें अवगत कराया। जिसे लेकर राज्य स्वास्थ्य प्रबंधक के द्वारा गहरी नाराजगी जताते हुए अस्पताल के प्रबंधक को तत्काल व्यवस्था को ठीक कराने का निर्देश दिया गया। राज्य स्वास्थ्य समिति के निरीक्षण के बाद ट्रामा सेंटर की सूरत बदलने की उम्मीद जगी है। डा.अभिषेक कुमार सिंहा ने बताया कि ट्रामा सेंटर की बारीकी से जांच की गई। यहां जो-जो कमियां मिली उनकी सूची बनाई गई। कुछ कमियों को जांच के दौरान दूर किया गया। एक सप्ताह के अंदर ट्रामा सेंटर की व्यवस्था में परिवर्तन दिखाई देगा।आपरेशन थिएटर से लेकर ओपीडी तक की व्यवस्था को सुदृढ़ की जाएगी। घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था होगी।इसके लिए इंटीग्रेटेड व्यवस्था चालू की जाएगी। बहुत गंभीर मरीज को ही रेफर करने की जरूरत पड़ेगी।
इस मौके पर कैमूर की सिविल सर्जन डा.मीना कुमारी, डीपीएम ऋषिकेश जायसवाल भी मौजूद रहे। टीम ने एनएचएआई के अधिकारियों के साथ बात की ।जगह-जगह साइनेज लगाने का निर्देश दिया। जीटी रोड पर गया-चंदौली के बीच यह इकलौता ट्रामा सेंटर है। दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने को वर्ष 2017 में तत्कालीन जिलाधिकारी राजेश्वर प्रसाद सिंह ने ट्रामा सेंटर खोलने का तानाबाना बुना था। पुराने रेफरल अस्पताल के भवन में छह बेड का ट्रामा सेंटर बनाया गया। जिसका 24 अप्रैल 2017 को उन्होंने उद्घाटन किया था ।तब से यह बदहाली का शिकार है।