New Delhi: केंद्र में एनडीए को बहुमत मिलने के बाद देश में कई तरह के चर्चाओं का बाजार गर्म है सभी जानकार अपने-अपने तरीके से मिले बहुमत का आकलन कर रहे हैं, जिसमें ज्यादातर लोगों का यह मानना है कि एनडीए केंद्र में सरकार बना भी लेती है तो 5 वर्ष का समय बीजेपी के लिए मुश्किलों से भरा होगा, एक बार फिर अटल जी की सरकार में जो स्थिति बनी थी वह दुबारा देखने को मिलेगी।
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वहीं एनडीए के साथ जुड़े घटक दलों में नीतीश कुमार एवं चंद्रबाबू नायडू के समर्थन को लेकर भी कई बातें इस दौरान कही जा रही है जिसमें मुख्य रूप से नीतीश कुमार के द्वारा एनडीए के समर्थन के बदले बिहार को विशेष राज्य का दर्जा तो दूसरी तरफ चंद्रबाबू नायडू के द्वारा भी विशेष राज्य के दर्जा की मांग जोर पकड़ने का लोगों के द्वारा दावा किया जा रहा है।
राजनीति गलियारों में इस बात को भी लेकर काफी तेज हलचल है कि नीतीश कुमार एवं चंद्रबाबू नायडू एनडीए को समर्थन देने के लिए यह शर्त रख चुके हैं कि वह एनडीए को तभी समर्थन देंगे जब नितिन गडकरी को पीएम बनाया जाएगा, नरेंद्र मोदी के पीएम बनने पर उनके द्वारा समर्थन नहीं दिया जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के द्वारा भी नीतीश कुमार एवं चंद्रबाबू नायडू को अपने तरफ समर्थन के लिए कई प्रलोभन दिए जा रहे हैं चर्चा तो यहां तक है कि नीतीश कुमार को पीएम बनने के लिए भी बात चल रही है, साथ ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा भी देने की बात चल रही है, अब तो यह नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के विवेक के ऊपर निर्भर करता है कि वह किसे अपना समर्थन देंगे।
वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों का यह कहना है कि एनडीए में शामिल पार्टियों का रवैया इस कार्यकाल में बहुत ही आक्रामक होगा क्योंकि बीजेपी के पास सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत का आंकड़ा नहीं है, वर्ष 2014 में बीजेपी के पास 282 सीट थी जबकि वर्ष 2019 में बीजेपी के पास 303 सीट थी जिस कारण से एनडीए में शामिल दूसरे दलों के पास दवाब बनाने के लिए कोई विकल्प ही नहीं था और सहयोगी दल कमजोर रहने के कारण बीजेपी पर दबाव नहीं बना पा रहे थे, मगर लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को मात्र 240 सीट ही प्राप्त हुए हैं, इस आंकड़े में नीतीश कुमार एवं चंद्रबाबू नायडू का रोल महत्वपूर्ण है दोनों के द्वारा जमकर सौदेबाजी की जाएगी और भाजपा की स्थिति कमजोर रहेगी।
वहीं केंद्र में एनडीए की सरकार बन भी जाती है तो विपक्षी दलों के द्वारा सदन में अनेकों बार बहुमत सिद्ध करवाया जाएगा एनडीए की सरकार में स्थिरता नहीं रहेगी, बीजेपी सरकार में खींचतान की स्थिति बनी रहेगी, बीजेपी कोई भी मजबूत फैसला नहीं ले पाएगी सरकार गिरने की हमेशा डर बनी रहेगी।