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इसके अलावा अलग-अलग जगहों पर अफसरों के साथ मीटिंग और कार्यस्थल पर निरीक्षण का भी डिटेल लिखा था, हालांकि पुलिस जांच में यह आंकड़े एडीएम की तरह ही फर्जी पाए गए इसके अलावा उनके पास से जो दस्तावेज मिले हैं उसमें जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों से संबंधित कागजात थे, जिला निबंधन इकाई का भी दस्तावेज था इसके अलावा मिड डे मिल के भी कागजात थे, इसके अलावा कटिहार जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों की भी फाइल मिली साथ ही मुजफ्फरपुर जिला खनन पदाधिकारी के कार्यालय के बकाएदारों की लिस्ट भी थी।
गिरफ्तार फर्जी एडीएम के पास से लाल बत्ती और नेम प्लेट, मेडल, मोमेंटो और आई कार्ड समेत अन्य सामान मिले हैं जिसकी जब्ती सूची तैयार कर जब्त किया गया है, इस संबंध में सदर थाना के सब इंस्पेक्टर मणिभूषण कुमार के बयान पर ठगी समेत अन्य धाराओं में FIR दर्ज की गई है, पूछताछ के बाद मंगलवार को जेल भेज दिया गया।
सब इंस्पेक्टर ने बताया की वह काफी शातिर है पकड़े जाने पर उसके चेहरे पर हल्की मायूसी भी नहीं थी वह मुस्कुराता हुआ आराम से जेल जाने को तैयार हो गया, पकड़े जाने के बाद भी फर्जी एडीएम को लेकर पुलिस पुरी तरह से आश्वस्त नहीं थी की वह फर्जी है, क्योंकि वह जिस तरीके से बात कर रहा और अधिकारियों से अपनी जान पहचान बता रहा था पुलिस को कभी कभी उसके असली होने की भी आशंका हो रही थी जिसका सत्यापन करने के लिए जिला कार्यालय से संपर्क कर उसके बारे में जानकारी ली गई तो वहां से बताया गया की आकाश नाम का कोई एडीएम मुजफ्फरपुर में नहीं है, जिससे स्पष्ट हो गया की पकड़ा गया व्यक्ति फर्जी है।
पुलिस को उसके घर से फ्लिपकार्ट का एक रसीद बरामद हुआ है, जो वाकी-टॉकी का था जिसे उसने 1830 रूपए में ऑनलाइन मंगवाया था उसके पास से बरामद मोबाइल में सैकड़ों अफसरों, मंत्री और पदाधिकारियों के नम्बर मिले है, उसके पास से जो नकली पिस्तौल मिली है वह लाइटर है, इन सभी समान को जब्त कर पुलिस आगे करवाई में जुट गई है।